
Ø ऐसे दर्ज हुआ वन अपराध का अपराध प्रतिवेदन: अपराध प्रतिवेदन प्रस्तुती पर जब मैंने छानबिन किया था तो पाया कि इस मुकदमा को दर्ज करने के पीछे विभागीय कार्य पद्धति हीं कहीं न कहीं जिम्मेवार थी। हुआ ये था कि किसी व्यक्ति ने जिसकी आरोपी से अनबन रहती थी, उसने एक शिकायत वाद वन प्रमंडल पदाधिकारी, धनबाद के नाम से डाला कि प्रभारी वनरक्षी अनुचित लाभ लेकर जंगल की जमीन पर पक्का मकान बनवा रहा है। जबकि वस्तुस्थिति ये थी कि कार्य क्षेत्र बड़ा होने की वजह से वनरक्षी को मालुम हीं नहीं था कि वहाँ पर मकान बन रहा है। उक्त शिकायत वाद पर वन प्रमंडल पदाधिकारी ने एक प्रशिक्षु भारतीय वन सेवा के पदाधिकारी को जाँच का जिम्मा दे दिया। प्रशिक्षु पदाधिकारी ने अनुभव की कमी के चलते वनरक्षी को को शंका की दृष्टि से देखा एवं जाँच के दरमियान साक्ष्य जमा करने के लिए गाँव में घुम-घुमकर व्यक्ति खोजना चाहा जबकि आरोपी का बयान दर्ज करने को तैयार नहीं हुए। वन पदाधिकारी के इस क्रिया-कलाप से वनरक्षी भयभीत हो गया एवं अपने को फंसा हुआ समझ कर बचाव के लिए एक पीछे के तिथि से आरोपी पर अपराध प्रतिवेदन काट दिया। जब जाँच पदाधिकारी दूसरे दिन नीचले स्तर पर कारवाई की जानकारी माँगी तो वनरक्षी ने अपराध प्रतिवेदन समर्पित करने की बात प्रकाश में लाया और इस खींचतान एवं फँसने-फँसाने के चक्कर में एक गरीब इंदिरा आवास आवंटी पर वन मुकदमा दर्ज हो गया।
Ø ऐसे बच गये प्रखंड विकास पदाधिकारी/कर्मचारी: दर्ज अपराध का जब मैने जाँच शुरू किया तो ये बात प्रकाश मे आयी कि इसके लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं कर्मचारी कम दोषी नहीं थे क्योंकि इंदिरा आवास के आवंटन की राशि उनके द्वारा दी गयी थी, जबकि प्रखंड कर्मचारी ने जमीन की मापी कर आरोपी को उसी जमीन पर मकान बनाने की अनुमति दी थी। मामला जब प्रकाश में आया तो कर्मचारी पूर्व की कारवाई से मुकर गया। मैंने जब अपने अनुसंधान पर उन्हें सह अभियुक्त बनाने की तैयारी पूरी कर ली तभी मुझे नियंत्रण पदाधिकारी से विचार-विमर्श हेतु बुलाहट आ गई एवं मुझे ऐसा करने से रोक दिया गया और कहा गया कि जो सीधे तौर पर दोषी है, उसी पर कारवाई करें। मैं इस तरह के निर्देश से अचम्भित था। मैं जब इस तरह के निर्देश के तह में गया तो पता चला कि प्रखंड विकास पदाधिकारी को अपने ऊपर कारवाई की भनक लग गयी थी एवं उन्होने नियंत्रण पदाधिकारी के पास पैरवी की थी कि मेरी एवं अन्य कर्मचारियों की नौकरी चली जायेगी। इस पिछ्ले दरवाजे की कारगुजारी कि जानकारी मुझे नहीं थी। इस तरह से अपना पल्ला झाड़ एवं नौकरी की दुहाई देकर सह आरोपी बच गये।
Ø यहीं पर वन सुरक्षा समिति के अधिकार काम आते: धनबाद वन प्रमंडल में उस वक्त वन सुरक्षा समिति शैशव काल में कहीं-कहीं था। वन सुरक्षा समिति की अहमियत नहीं थी। वर्तमान परिपेक्ष में देखा जाय तो आज 2007 के वन सुरक्षा समिति के अधिकार क्षेत्र में वनभूमि पर वन अपराध घटित होने पर प्रारम्भिक जाँचोपर्यंत प्राथमिकी दर्ज कराने का अधिकार वन सुरक्षा समिति के पास है। अगर ये प्रावधान उस समय होते एवं सही ढ़ंग से लागू होते तो ये मुकदमा दर्ज हीं नहीं होता क्योंकि वन सुरक्षा समिति उस घटना को होने से रोक देती अथवा होता यूँ कि वन सुरक्षा समिति, जो उसी गाँव में 24 घंटे मौजूद रहती है, वह् स्वंय पहल कर बीच का रास्ता निकालती, तब वनरक्षी उक्त घटना का अपराध प्रतिवेदन सीधे मुझे समर्पित नहीं कर सकता।
अतः मैं कह सकता हूँ कि ग्रामीणों पर दोहरी मार पड़ रही है, एक तो वे सुरक्षित वन जिसपर उनका हक होना चाहिए था, उससे वंचित हैं, दूसरी ओर किसी छोटी सी भूल के लिए उन्हें भारी दण्ड का भागी भी बनना पड़ रहा है। आज भी वन सुरक्षा समिति के उक्त अधिकार को ग्रामीणों की जानकारी एवं अशिक्षा के वजह से समाप्त करने का षडयंत्र हो रहा है क्योंकि इससे वन विभाग का एकाधिकार जो समाप्त हो जायेगा। कोई भी आज के परिपेक्ष में जनभागिदारी को सच्चे मन से अंगीकार करना नहीं चाह रहा है, जो झारखण्ड के लिए दुःखद है।
डा0 प्रेमसागर सिंह जी!
जवाब देंहटाएंवनों को आम आदमी से इतना खतरा नही है जितना कि वन विभाग के कमियों से है। दूध की रखवाली बिल्लियों के हाथों में आ गयी है।
मेरे घर के पास वन विभाग की एक चैक-पोस्ट है। मैं रात-दिन यही खेल देखता रहता हूँ। सूखी-जलौनी लकड़ी मजदूर जंगल से बीन कर लाते हैं। तो इन वन-कर्मियों की प्रताड़ना और बेसकीमती पेड़ काट कर लाने वालों को शाबाशी। क्योंकि इन्ही से इनकी जेबें भरती है। वन विभाग के ऐसे कमियों की आज हमें कोई जरूरत नही है। हम अपने वनों की रक्षा स्वयं कर लेंगे।
वनों और वनों की समस्याओं पर यह सुंदर ब्लोग शुरू करने के लिए आभार। मैंने इसके कई लेख पढ़ डाले, बहुत अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंमैंने भी अभी हाल में प्रकृति, पर्यावरण, वन्यजीवन आदि पर एक नया ब्लोग शुरू किया है। समय मिलने पर देख आएं, पता यहा है -
कुदरतनामा
http://shayaridays.blogspot.com
जवाब देंहटाएंWhy Sky Dark at night in Hindi
जवाब देंहटाएंGroup discussion in Hindi
Brain in Hindi
Satellite in Hindi
Calibration in Hindi
Non Metals in Hindi
RTO Code in Hindi
Jantar Mantar in Hindi
Set Top Box in Hindi
जवाब देंहटाएंUbuntu in Hindi
Ocean in Hindi
Air Conditioner in Hindi
ISRO in Hindi
Territory Meaning In Hindi
जवाब देंहटाएंSong in Hindi
Blood Donation in Hindi
Data in Hindi
Fingerprint in Hindi
Rainbow in Hindi
Reference Book in Hindi
Forest Fire in Hindi
जवाब देंहटाएंGlossary in Hindi
Language in Hindi
Literature in Hindi
5G in Hindi
DP in Hindi
ISO Full Form
Mercy Meaning In Hindi
जवाब देंहटाएंMob Lynching Meaning Hindi
Literary Meaning In Hindi
Suspension Meaning In Hindi
Evolution Meaning In Hindi
Grocery Meaning In Hindi
Administration Meaning In Hindi
Essential Meaning in Hindi
जवाब देंहटाएंAdmire Meaning in Hindi
Admirer Meaning in Hindi
Negotiate Meaning in Hindi
Crush Meaning in Hindi
Troll Meaning in Hindi
Abandon Meaning in Hindi
Appear Meaning in Hindi
Passionate Meaning in Hindi
जवाब देंहटाएंSpiritual Meaning in Hindi
Except Meaning in Hindi
Legend Meaning in Hindi
Spouse Meaning in Hindi
Buzz Meaning in Hindi
Exhausted Meaning in Hindi
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंमुझे आपका लेख बहुत अच्छा लगा मैं रोज़ आपका ब्लॉग पढ़ना है। आप बहुत अच्छा काम करे हो..
जवाब देंहटाएं